March 13, 2013

शहादत पर राजनीति कहां ले जाएगी देश को

पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में एक कर्तब्यप्रायण डीएसपी को मौत के घाट उतार दिया गया लेकिन अब उनके शहादत पर राजनीति शुरू हो गई है; यह अजीब विडंबना है कि अपने देश में हर बात में राजनीति शुरू कर दी जाती है;  हर पार्टी अपने फायदे के लिए अपने वोट बैंक का  इस्तेमाल करती है;
दो मार्च को कुंडा के हथिगांवा थाना क्षेत्र में हिंसा की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे सीओ जिआउल हक को भीड़ में मौजूद आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों ने मार डाला; दिवंगत सीओ हक की पत्नी ने तत्कालीन मंत्री राजा पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए मुकदमा कायम कराया; हालांकि राजा भैया ने आरोपों को विधानसभा में नकारते हुए कहा था कि सीओ से मेरी कोई अनबन नहीं थी; यदि कोई ऐसी बात भी होती तो मैं सरकार में था आसानी से सीओ का स्थानांतरण करवा सकता था; क्योंकि जनप्रतिनिधियों के लिए यदि कोई अधिकारी अनुकूल नहीं होता है तो उसको आसानी से हटवा दिया जाता है; हत्या जैसा अपराध नहीं किया जा सकता है; मंत्री ने अपने को निर्दोष साबित करने के लिए मुख्यमंत्री से उसी दिन मिलने की बात भी कही;
पर अब जब तमाम बातें सामने आ रहीं हैं उससे लगता नहीं कि पूर्व मंत्री का इस मामले से कोई लेना देना नहीं है; सीबीआई जिन बिंदुओं पर जांच कर रही है उसमें आने वाले दिनों में निश्चय ही राज भैया के लिए मुश्किल पेश आने वाली है; यहां यह गौर करने वाली बात है कि राजा भैया और अक्षय प्रताप सिंह के खिलाफ सीओ हक ने अपने हस्ताक्षर से जो हिस्ट्रीशीट शासन को भेजी थी; उसका भी कुछ लिंक इस हत्याकांड से जुड रहा है; इस पर भी सीबीआई की नजर है;
इस मामले को जिस तरह से कुछ हिंदुवादी और
मुस्लिम नेताओं ने सांप्रदायिक रंग देना शुरू किया है वह चिंताजनक है; इस मुहिम में अब उमा भारती भी जुड. गई हैं; उमा ने राजा को गलत तरीके से फंसाए जाने का आरोप लगाया है; भाजपा के राष्ट्ीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने भी योगी आदित्यनाथ के वक्तब्य को सही बताया है;
यहां यह सवाल उठता है कि एक अफसर अपनी ड्यूटी निभाते हुए शहीद हो गया; उसका सम्मान करने की जगह उसकी शहादत पर राजनीति की जा रही है; इस तरह की ओछी हरकतें बर्दास्त नहीं की जा सकतीं; उत्तरप्रदेश की मौजूदा सरकार भी कम नहीं है; जहां मुस्लिम समुदाय की बात आती है; सपा लपकने की कोशिश करती है; सीओ हत्याकांड में  सपा ने भी तत्परता दिखाते हुए नौकरी और आर्थिक सहायता देने की घोषणा कर दी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मंत्री आजम खां के साथ जाकर शहीद सीओ की पत्नी को भर संभव मदद का वादा कर आए;
 यहीं नहीं कांग्रेस समेत तमाम दल शहीद सीओ के गांव जाकर उनकी पत्नी और परिवार को सांत्वना दे आए; यहां तक कि यदाकदा बोलने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी दिवंगत सीओ की पत्नी को निश्पक्ष जांच का भरोसा दे आए; बुखारी तक जुआफर जा चुके हैं; सियासी दलों की हिंदु और मुस्लिम तुश्टिकरण की राजनीति देश और समाज को कहां ले जाएगी;
कहीं यह तुश्टिकरण की राजनीति सीओ के गुनाहगारों तक पहुंचने में सीबीआई के लिए बाधक न बन जाए; यह तो सत्य है कि राजा और उनके गुर्गों का इस हत्याकांड में प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष संलिप्ता तो है ही; अब यह जांच के बाद ही साबित हो पाएगा; लेकिन तमाम जांचों की तरह ही यह जांच भी केवल कागजों तक ही न रह जाए;
शहीद सीओ की पत्नी को न्याय मिलना चाहिए; क्योंकि जीआउल हक की पत्नी डॉ. परवीन आजाद को भी सम्मानपूर्वक जीने का अधिकार है; किंतु कुछ स्वार्थी और गलत लोगों ने उनके सपनों का तोड. दिया; 
 

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आपने धैर्य के साथ मेरा लेख पढ़ा, इसके लिए आपका आभार। धन्यवाद।

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