March 16, 2013

विवादों और सफाई देने में ही गुजरा सपा सरकार का एक साल

यूपी सरकार की अच्छी योजनाएं खाने में कंकड. की तरह साबित हुईं

उत्तरप्रदेष में अखिलेष सरकार को एक साल पूरे हो गए; इन एक वर्शों में प्रदेष के लोग सपा कार्यकर्ताओं के गंुडई से तंग आ गए हैं; मुख्यमंत्री के कई जनकल्याणकारी कार्यों और घोशणाओं पर मंत्रियों, विधायको, नेताओं और कार्यकर्ताओं के कार्यकलापों ने पानी फेर दिया है; हत्या, अपहरण, बलात्कार समेत अपराध तेजी से बढे हैं; यही वजह है कि कई बार सपा प्रमुख प्रमुलायम सिंह को भी उत्तर प्रदेष सरकार को नसीहत देनी पड.ी है; लेकिन सपाई हैं कि मानते ही नहीं;
अपने एक साल के कार्यकाल के मौके पर मुख्मंत्री अखिलेष यादव ने जोर देकर कहा कि प्रदेष में कानून व्यवस्था उतने खराब नहीं हैं, जितना मीडिया वाले बढ.ाचढ.ाकर पेष कर रहे हैं; हम स ुधार के लिए कोषिष कर रहे हैं;
उन्होंने यह भी कहा कि काम करने वाले अधिकारियों को आगे बढ.ने का मौका दिया जाएगा; इसका मतलब यह हुआ कि अधिकारी काम नहीं कर रहे हैं; अब सवाल यह है कि क्या अखिलेष यादव का ब्यूरोक्रेट्स पर उतना नहीं है; दरअसल इसके पीछे एक खास वजह है; वह यह है कि जब भी किसी मामले में सपा से संबंधित लोगों के नाम आते हैं; सपा के ही वरिश्ठ लोग उनकी पैरवी करते हैं; इसलिए अधिकारी भी मनमानी करते हैं; यही नहीं जो अफसर सपाइयों के मनमुताबिक काम नहीं करते हैं उनके साथ बदसलूकी की जाती है या उनका स्थानांतरण करवा दिया जाता है;
प्रदेष में बढ.ते अपराधों पर नजर दौड.ाई जाए तो उनमें से अधिकांष मामलों में सपा के लोग के ही संलिप्ता पाई गई है; सरकार गठन से लेकर आज तक सपाइयों ने दबंगई कर कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाया है; चुनाव परिणाम के दिन ही एक जिले में सपाइयों ने पुलिस और मीडिया वालों को ही बंधक बना लिया था; इसी दिन ही पता चल गया था कि आने वाले समय में प्रदेष का कानून व्यवस्था का क्या हर्श होने वाला है; सालभर इसमें इजाफा ही हुआ है; हर जिले में सपा के लोगों ने कानून व्यवस्था की धज्जियां उड.ाई हैं; कोई भी ऐसा आपराधिक मामला नहीं रहा है जिसमें कार्यकर्ताओं और नेताओं का हाथ नहीं रहा हो;
हालांकि, इस एक साल समाजवादी पार्टी की सरकार ने कई जनोपयोगी कार्य भी किए हैं; कन्याधन, बेरोजगारी भत्ता, साड.ी कंबल विरतरण के अलावा लैपटॉप बांटने की योजना का षुभारंभ कर लोगों को फायदा पहुंचाया गया है; मुफ्त सिंचाई की व्यवस्था और कर्ज माफी की योजना अच्छी हैं; एक कहावत है कि भोजन कितना ही अच्छा क्यों न हो यदि दातों तले कंकड. आ जाएं खाने का सारा स्वाद बेकार हो जाता है; यही हाल सपा सरकार की तमाम योजनाओं का है;
यदि अखिलेष को एक लोकप्रिय नेता होना है और मुलायम को दिल्ली में स्वीकार्य राजनीति करनी है तो अपने जाति के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर सख्त लगाम लगाना होगा यही नहीं जाति आधारित और अल्पसंख्यक वोट की राजनीति को भी त्यागना होगा; यदि ऐसा नहीं करते हैं तो दिल्ली मुलायम के लिए दूर होगी; 

March 13, 2013

शहादत पर राजनीति कहां ले जाएगी देश को

पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में एक कर्तब्यप्रायण डीएसपी को मौत के घाट उतार दिया गया लेकिन अब उनके शहादत पर राजनीति शुरू हो गई है; यह अजीब विडंबना है कि अपने देश में हर बात में राजनीति शुरू कर दी जाती है;  हर पार्टी अपने फायदे के लिए अपने वोट बैंक का  इस्तेमाल करती है;
दो मार्च को कुंडा के हथिगांवा थाना क्षेत्र में हिंसा की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे सीओ जिआउल हक को भीड़ में मौजूद आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों ने मार डाला; दिवंगत सीओ हक की पत्नी ने तत्कालीन मंत्री राजा पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए मुकदमा कायम कराया; हालांकि राजा भैया ने आरोपों को विधानसभा में नकारते हुए कहा था कि सीओ से मेरी कोई अनबन नहीं थी; यदि कोई ऐसी बात भी होती तो मैं सरकार में था आसानी से सीओ का स्थानांतरण करवा सकता था; क्योंकि जनप्रतिनिधियों के लिए यदि कोई अधिकारी अनुकूल नहीं होता है तो उसको आसानी से हटवा दिया जाता है; हत्या जैसा अपराध नहीं किया जा सकता है; मंत्री ने अपने को निर्दोष साबित करने के लिए मुख्यमंत्री से उसी दिन मिलने की बात भी कही;
पर अब जब तमाम बातें सामने आ रहीं हैं उससे लगता नहीं कि पूर्व मंत्री का इस मामले से कोई लेना देना नहीं है; सीबीआई जिन बिंदुओं पर जांच कर रही है उसमें आने वाले दिनों में निश्चय ही राज भैया के लिए मुश्किल पेश आने वाली है; यहां यह गौर करने वाली बात है कि राजा भैया और अक्षय प्रताप सिंह के खिलाफ सीओ हक ने अपने हस्ताक्षर से जो हिस्ट्रीशीट शासन को भेजी थी; उसका भी कुछ लिंक इस हत्याकांड से जुड रहा है; इस पर भी सीबीआई की नजर है;
इस मामले को जिस तरह से कुछ हिंदुवादी और
मुस्लिम नेताओं ने सांप्रदायिक रंग देना शुरू किया है वह चिंताजनक है; इस मुहिम में अब उमा भारती भी जुड. गई हैं; उमा ने राजा को गलत तरीके से फंसाए जाने का आरोप लगाया है; भाजपा के राष्ट्ीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने भी योगी आदित्यनाथ के वक्तब्य को सही बताया है;
यहां यह सवाल उठता है कि एक अफसर अपनी ड्यूटी निभाते हुए शहीद हो गया; उसका सम्मान करने की जगह उसकी शहादत पर राजनीति की जा रही है; इस तरह की ओछी हरकतें बर्दास्त नहीं की जा सकतीं; उत्तरप्रदेश की मौजूदा सरकार भी कम नहीं है; जहां मुस्लिम समुदाय की बात आती है; सपा लपकने की कोशिश करती है; सीओ हत्याकांड में  सपा ने भी तत्परता दिखाते हुए नौकरी और आर्थिक सहायता देने की घोषणा कर दी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मंत्री आजम खां के साथ जाकर शहीद सीओ की पत्नी को भर संभव मदद का वादा कर आए;
 यहीं नहीं कांग्रेस समेत तमाम दल शहीद सीओ के गांव जाकर उनकी पत्नी और परिवार को सांत्वना दे आए; यहां तक कि यदाकदा बोलने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी दिवंगत सीओ की पत्नी को निश्पक्ष जांच का भरोसा दे आए; बुखारी तक जुआफर जा चुके हैं; सियासी दलों की हिंदु और मुस्लिम तुश्टिकरण की राजनीति देश और समाज को कहां ले जाएगी;
कहीं यह तुश्टिकरण की राजनीति सीओ के गुनाहगारों तक पहुंचने में सीबीआई के लिए बाधक न बन जाए; यह तो सत्य है कि राजा और उनके गुर्गों का इस हत्याकांड में प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष संलिप्ता तो है ही; अब यह जांच के बाद ही साबित हो पाएगा; लेकिन तमाम जांचों की तरह ही यह जांच भी केवल कागजों तक ही न रह जाए;
शहीद सीओ की पत्नी को न्याय मिलना चाहिए; क्योंकि जीआउल हक की पत्नी डॉ. परवीन आजाद को भी सम्मानपूर्वक जीने का अधिकार है; किंतु कुछ स्वार्थी और गलत लोगों ने उनके सपनों का तोड. दिया; 
 

March 12, 2013

एक लंबे ब्रेक के बाद आप सभी ब्लॉगर बंधुओं से फिर से रूबरू होऊगा गैप के लिए खेद है
सादर
शैलेश कुमार विजय                          


छवि गढ़ने में नाकाम रहे पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम

कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया मामले में घूस लेने के दोषी हैं या नहीं यह तो न्यायालय...