यूपी सरकार की अच्छी योजनाएं खाने में कंकड. की तरह साबित हुईं
उत्तरप्रदेष में अखिलेष सरकार को एक साल पूरे हो गए; इन एक वर्शों में प्रदेष के लोग सपा कार्यकर्ताओं के गंुडई से तंग आ गए हैं; मुख्यमंत्री के कई जनकल्याणकारी कार्यों और घोशणाओं पर मंत्रियों, विधायको, नेताओं और कार्यकर्ताओं के कार्यकलापों ने पानी फेर दिया है; हत्या, अपहरण, बलात्कार समेत अपराध तेजी से बढे हैं; यही वजह है कि कई बार सपा प्रमुख प्रमुलायम सिंह को भी उत्तर प्रदेष सरकार को नसीहत देनी पड.ी है; लेकिन सपाई हैं कि मानते ही नहीं;
अपने एक साल के कार्यकाल के मौके पर मुख्मंत्री अखिलेष यादव ने जोर देकर कहा कि प्रदेष में कानून व्यवस्था उतने खराब नहीं हैं, जितना मीडिया वाले बढ.ाचढ.ाकर पेष कर रहे हैं; हम स ुधार के लिए कोषिष कर रहे हैं;
उन्होंने यह भी कहा कि काम करने वाले अधिकारियों को आगे बढ.ने का मौका दिया जाएगा; इसका मतलब यह हुआ कि अधिकारी काम नहीं कर रहे हैं; अब सवाल यह है कि क्या अखिलेष यादव का ब्यूरोक्रेट्स पर उतना नहीं है; दरअसल इसके पीछे एक खास वजह है; वह यह है कि जब भी किसी मामले में सपा से संबंधित लोगों के नाम आते हैं; सपा के ही वरिश्ठ लोग उनकी पैरवी करते हैं; इसलिए अधिकारी भी मनमानी करते हैं; यही नहीं जो अफसर सपाइयों के मनमुताबिक काम नहीं करते हैं उनके साथ बदसलूकी की जाती है या उनका स्थानांतरण करवा दिया जाता है;
प्रदेष में बढ.ते अपराधों पर नजर दौड.ाई जाए तो उनमें से अधिकांष मामलों में सपा के लोग के ही संलिप्ता पाई गई है; सरकार गठन से लेकर आज तक सपाइयों ने दबंगई कर कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाया है; चुनाव परिणाम के दिन ही एक जिले में सपाइयों ने पुलिस और मीडिया वालों को ही बंधक बना लिया था; इसी दिन ही पता चल गया था कि आने वाले समय में प्रदेष का कानून व्यवस्था का क्या हर्श होने वाला है; सालभर इसमें इजाफा ही हुआ है; हर जिले में सपा के लोगों ने कानून व्यवस्था की धज्जियां उड.ाई हैं; कोई भी ऐसा आपराधिक मामला नहीं रहा है जिसमें कार्यकर्ताओं और नेताओं का हाथ नहीं रहा हो;
हालांकि, इस एक साल समाजवादी पार्टी की सरकार ने कई जनोपयोगी कार्य भी किए हैं; कन्याधन, बेरोजगारी भत्ता, साड.ी कंबल विरतरण के अलावा लैपटॉप बांटने की योजना का षुभारंभ कर लोगों को फायदा पहुंचाया गया है; मुफ्त सिंचाई की व्यवस्था और कर्ज माफी की योजना अच्छी हैं; एक कहावत है कि भोजन कितना ही अच्छा क्यों न हो यदि दातों तले कंकड. आ जाएं खाने का सारा स्वाद बेकार हो जाता है; यही हाल सपा सरकार की तमाम योजनाओं का है;
यदि अखिलेष को एक लोकप्रिय नेता होना है और मुलायम को दिल्ली में स्वीकार्य राजनीति करनी है तो अपने जाति के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर सख्त लगाम लगाना होगा यही नहीं जाति आधारित और अल्पसंख्यक वोट की राजनीति को भी त्यागना होगा; यदि ऐसा नहीं करते हैं तो दिल्ली मुलायम के लिए दूर होगी;
उत्तरप्रदेष में अखिलेष सरकार को एक साल पूरे हो गए; इन एक वर्शों में प्रदेष के लोग सपा कार्यकर्ताओं के गंुडई से तंग आ गए हैं; मुख्यमंत्री के कई जनकल्याणकारी कार्यों और घोशणाओं पर मंत्रियों, विधायको, नेताओं और कार्यकर्ताओं के कार्यकलापों ने पानी फेर दिया है; हत्या, अपहरण, बलात्कार समेत अपराध तेजी से बढे हैं; यही वजह है कि कई बार सपा प्रमुख प्रमुलायम सिंह को भी उत्तर प्रदेष सरकार को नसीहत देनी पड.ी है; लेकिन सपाई हैं कि मानते ही नहीं;
अपने एक साल के कार्यकाल के मौके पर मुख्मंत्री अखिलेष यादव ने जोर देकर कहा कि प्रदेष में कानून व्यवस्था उतने खराब नहीं हैं, जितना मीडिया वाले बढ.ाचढ.ाकर पेष कर रहे हैं; हम स ुधार के लिए कोषिष कर रहे हैं;
उन्होंने यह भी कहा कि काम करने वाले अधिकारियों को आगे बढ.ने का मौका दिया जाएगा; इसका मतलब यह हुआ कि अधिकारी काम नहीं कर रहे हैं; अब सवाल यह है कि क्या अखिलेष यादव का ब्यूरोक्रेट्स पर उतना नहीं है; दरअसल इसके पीछे एक खास वजह है; वह यह है कि जब भी किसी मामले में सपा से संबंधित लोगों के नाम आते हैं; सपा के ही वरिश्ठ लोग उनकी पैरवी करते हैं; इसलिए अधिकारी भी मनमानी करते हैं; यही नहीं जो अफसर सपाइयों के मनमुताबिक काम नहीं करते हैं उनके साथ बदसलूकी की जाती है या उनका स्थानांतरण करवा दिया जाता है;
प्रदेष में बढ.ते अपराधों पर नजर दौड.ाई जाए तो उनमें से अधिकांष मामलों में सपा के लोग के ही संलिप्ता पाई गई है; सरकार गठन से लेकर आज तक सपाइयों ने दबंगई कर कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाया है; चुनाव परिणाम के दिन ही एक जिले में सपाइयों ने पुलिस और मीडिया वालों को ही बंधक बना लिया था; इसी दिन ही पता चल गया था कि आने वाले समय में प्रदेष का कानून व्यवस्था का क्या हर्श होने वाला है; सालभर इसमें इजाफा ही हुआ है; हर जिले में सपा के लोगों ने कानून व्यवस्था की धज्जियां उड.ाई हैं; कोई भी ऐसा आपराधिक मामला नहीं रहा है जिसमें कार्यकर्ताओं और नेताओं का हाथ नहीं रहा हो;
हालांकि, इस एक साल समाजवादी पार्टी की सरकार ने कई जनोपयोगी कार्य भी किए हैं; कन्याधन, बेरोजगारी भत्ता, साड.ी कंबल विरतरण के अलावा लैपटॉप बांटने की योजना का षुभारंभ कर लोगों को फायदा पहुंचाया गया है; मुफ्त सिंचाई की व्यवस्था और कर्ज माफी की योजना अच्छी हैं; एक कहावत है कि भोजन कितना ही अच्छा क्यों न हो यदि दातों तले कंकड. आ जाएं खाने का सारा स्वाद बेकार हो जाता है; यही हाल सपा सरकार की तमाम योजनाओं का है;
यदि अखिलेष को एक लोकप्रिय नेता होना है और मुलायम को दिल्ली में स्वीकार्य राजनीति करनी है तो अपने जाति के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर सख्त लगाम लगाना होगा यही नहीं जाति आधारित और अल्पसंख्यक वोट की राजनीति को भी त्यागना होगा; यदि ऐसा नहीं करते हैं तो दिल्ली मुलायम के लिए दूर होगी;
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आपने धैर्य के साथ मेरा लेख पढ़ा, इसके लिए आपका आभार। धन्यवाद।